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Guru Nanak Jayanti : 10 अनमोल विचार, जिनसे बदल सकता है आपका जीवन

 

Guru Nanak Jayanti

Guru Nanak Jayanti: सिखों के लिए प्रेरणा

भारतीय साहित्य और विरासत में गुरु नानक देव का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है और उनकी जयंती को ‘गुरु नानक जयंती’ के रूप में मनाया जाता है। यह त्यौहार सिख समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जो गुरु नानक देव जी के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

Guru Nanak का जन्म और सिख विरासत:

गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 को हुआ था, जिनका जन्म स्थान नांदेड़, महाराष्ट्र है। उनके माता-पिता का नाम मेटा और त्रिपत था। गुरु नानक देव जी ने अपने जीवनकाल में एक अद्वितीय सिख समुदाय की नींव रखी और सिख विरासत की नींव रखी।

उनकी शिक्षाएँ और शिक्षाएँ समृद्धि, शांति और मानवता के लिए थीं। गुरु नानक देव जी का संदेश था कि ईश्वर एक है और सभी मानव समुदायों को एक ही परमपिता की संतान माना जाना चाहिए। उनकी शिक्षाएँ सामाजिक न्याय, सत्य और सेवा के सिद्धांतों पर आधारित थीं।

Guru Nanak Jayanti का महत्व:

गुरु नानक जयंती सिख समुदाय के लिए एक बड़ा त्योहार है जो समृद्धि, समर्पण और धार्मिकता की भावना से भरा है। इस दिन, सिख समुदाय अपने प्रिय गुरु नानक देव जी की पूजा करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए गुरुद्वारों में इकट्ठा होते हैं।

Guru Nanak Jayanti का उत्सव:

गुरु नानक जयंती के दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और खूब भजन-कीर्तन होता है। गुरुद्वारों में लंगर सजाया जाता है, जिसमें समुदाय के लोग समृद्धि के बारे में बातचीत करते हैं और एक-दूसरे के साथ प्यार और समर्थन का माहौल महसूस करते हैं।

Guru Nanak Jayanti 2024

यहां Guru Nanak Dev की कुछ बातों के 10 उद्धरण दिए गए हैं

“नानक नाम एक जहाज है, जो इस पर चढ़ेगा वह उत्तर दिशा पार कर जाएगा।” (नानक का नाम एक जहाज की तरह है जो आपको आपकी मुक्ति की दिशा में ले जाएगा।)

“जो खुद पर विश्वास नहीं करता वह कभी भगवान पर विश्वास नहीं कर सकता।” – गुरु नानक

“यहां तक ​​कि सभी राजा-महाराजा, जिनके पास ढेर सारा धन और बड़े-बड़े साम्राज्य हैं, उनकी तुलना भगवान के प्रेम से भरी एक चींटी से भी नहीं की जा सकती।” – गुरु नानक

“अपने अस्तित्व में शांति से रहो, और मृत्यु का दूत तुम्हें नहीं छूएगा।” – गुरु नानक

“जिन्होंने प्रेम किया है उन्होंने भगवान को पा लिया है। दुनिया में कोई भी व्यक्ति भ्रम में नहीं रह सकता। गुरु के बिना कोई भी दूसरे किनारे पर नहीं जा सकता।” – गुरु नानक

“जब तक आपकी लालसाएं नहीं बुझतीं, आपको खुशी नहीं मिल सकती।” – गुरु नानक

“अपना कर्म करो, फल की चिंता मत करो।” – गुरु नानक

“जीवन का उद्देश्य एकमात्र कारण की तलाश करना है।” – गुरु नानक

“हक में रहना, यानी सच्चाई और न्याय में जीना, सिख धर्म की नींव है।” – गुरु नानक

“सारा संसार कष्ट रहित है, बस इसे समझना है।” – गुरु नानक

गुरु नानक ने कई भजनों की रचना की और इन्हें गुरु अर्जुन ने सिख धर्म के प्रमुख ग्रंथ आदि ग्रंथ में एकत्र किया। गुरु नानक ने भारत के विभिन्न पवित्र स्थानों की यात्रा की।

गुरु ग्रंथ साहिब के छंदों में मुख्य विषय ब्रह्मांड के निर्माता की एकता का है। इसके अलावा, गुरु नानक की शिक्षाएँ मानवता के लिए समर्पित सेवा के संदेश को बढ़ावा देती हैं।

 

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